आखिर आम आदमी पार्टी के लिए क्यों हमेशा सुप्रीम कोर्ट खाली रहता है

 अरविंद केजरीवाल के लिए आखिर क्यों कोर्ट इतना खाली रहता है 

भारत जैसे देश में करोड़ो केस देश की अदालतों में लंबित है , लेकिन सुप्रीम कोर्ट और देश के हाई कोर्ट को बड़े बड़े नेताओं के एक ही केस बार बार सुनने से फुर्सत मिले तब न आम जनता के केस की सुनवाई होगी ।



देश की अदालतें अब अपना विश्वास खो रही है 

अभी पिछले दिनों आपने सुना होगा की आम आदमी पार्टी से राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल गई । जज महोदय ने ईडी के विरोध करने पर कहा की कोर्ट को इतना समय नहीं है की 1000 पन्नो की चार्जशीट पड़े। और अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी । जिसको लेकर ईडी ने हाई कोर्ट का रुख किया और हाई कोर्ट ने फिलहाल के लिए अरविंद केजरीवाल की जमानत पर रोक लगा दी । अब सवाल ये उठता है की अगर ज्यादा पन्नो का चार्जशीट रहेगा तो क्या कोर्ट उसको बिना पढ़े दूसरे पक्ष को जमानत दे देगा ? 

सुप्रीम कोर्ट ने जब अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए जमानत दिया तब भी उठे थे सवाल

चुनाव से ठीक पहले जब केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार किया था तो सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए केजरीवाल को जमानत दी थी की अभी चुनाव का समय है और अरविंद केजरीवाल पार्टी के मुखिया है ऐसे में उनको चुनाव प्रचार के लिए जमानत देना सही है । चुनाव प्रचार के लिए समय मिलना चाहिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ये भूल गया की कानून सबके लिए बराबर होता है चाहे वो नेता हो या फिर सबसे पिछली पंक्ति में खड़ा गरीब व्यक्ति ।
आखिर सुप्रीम कोर्ट की ऐसी क्या मजबूरी रही की उसको अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए विशेष छूट दी गई ?
क्या देश के किसी किसान को उसको खेती करने के लिए जमानत दी जाती है ? क्या किसी बिजनेसमेन को उसका व्यवसाय करने के लिए जमानत दी गई ?

केजरीवाल ने बयान दिया की अगर INDI गठबंधन जीतेगा तो उन्हे जेल नही जाना पड़ेगा

अरविंद केजरीवाल ने अपनी चुनावी रैलियों में कहा की अगर इंडी गठबंधन की सरकार बनेगी तो उनको जेल नही जाना पड़ेगा , ऐसे में सवाल उठता है की क्या अदालतें सत्ता देख कर न्याय करती है ? क्या अगर कोई अपराधी सत्ता में आ जाए तो उस पर कार्यवाही नही होगी?

अरविंद केजरीवाल ने फिर से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा केजरीवाल की दिए जमानत के खिलाफ ईडी ने जब हाई कोर्ट का रुख किया तो हाई कोर्ट ने फिलहाल जमानत पर रोक लगा दी है । अब अरविंद केजरीवाल ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई है जमानत याचिका के लिए। अब सवाल ये उठता है कि  कोर्ट केवल एक आदमी का केस रोज लिस्टेड करके सुनवाई शुरू कर देता है , क्या भारत में सारे केस खत्म हो गए है या फिर सुप्रीम कोर्ट नेताओ को विशेष अधिकार देता है और छूट देता है ।
यही सुप्रीम कोर्ट निर्भया कांड के दोषियों को सजा सुनाने में 6 साल का वक्त लगाता है, और शराब घोटाले के मुख्य आरोपी के लिए उसके दरवाजे हमेशा खुले रहते है । 

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