मैरवा का स्याही नदी पर बना पुल दे रहा है लोगो की मौत का दावत
हरेराम चौराहा से मैरवा जाने वाले मुख्य मार्ग पर जगदीश बनकटा व नवका टोला के बीच महालनादी स्याही पर बना पुल लोगो की मौत का दावत दे रहा है ।
सैकड़ो वर्ष पुराना है पुल
मैरवा , बिहार व उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले इस पुल का निर्माण अंग्रेजो द्वारा कराया गया था । यह पुल प्रताप पर में स्थित चीनी मिल के लिए बनवाया गया था ।
प्रतापपुर स्थित चीनी मिल को अंग्रेजो ने बनवाया था , जिसके लिए बिहार से गन्ना ढुलाई के लिए अंग्रेजो ने इस पुल का निर्माण कराया । लेकिन सैकड़ो वर्ष बाद भी इस पुल का सूद लेने वाला कोई नही है ।
बॉर्डर के चलते नही बन पाता है यह पुल
बिहार के सिवान लोकसभा और उत्तरप्रदेश के सलेमपुर लोकसभा का बॉर्डर प्वाइंट है यह पुल। उत्तर प्रदेश सरकार ने पुल के पहले तक रोड बना कर छोड़ दिया है और बिहार सरकार ने पुल के बाद रोड बना लिया है । लेकिन पुल बनाने की बात पर न तो उत्तर प्रदेश सरकार इस पर विचार करती है न ही बिहार सरकार।
पुल बनाने की बात पर सरकारें अपना पल्ला झाड़ लेती है
देवरिया जिले के भाटपार रानी के बिहार सीमावर्ती किसानों के लिए मैरवा सब्जी मंडी ही एकमात्र व्यवसाय का जरिया है , रोज उत्तरप्रदेश से हजारों लोग व्यवसाय व अन्य कारणो से बिहार जाते है ।
पुल बनाने की बात पर उत्तर प्रदेश सरकार कहती है की ये हमारे सीमा क्षेत्र में नही है और बिहार सरकार कहती है की हमारे सीमा क्षेत्र में नही है ।
क्या किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही है सरकार
इस पुलिए पर पहले भी कई हादसे हो गए है , कई बार गाडियां पलटने की खबरे आती है जिसमे लोगो को भी हताहत होने की खबर आती है ।
बरसात के दिनों में और भी खतरा बढ़ जाता है
ये पुल सिंगल पट्टी का है , अगर एक तरफ से कोई वाहन आ रहा है तो दूसरी तरफ से कोई बाइक भी नही आ सकता । पुल के साइड की बाउंड्री गिर चुकी है , जगह जगह गड्ढे पड़ गए है जिससे की यात्रियों के डगमगा कर गिरने का खतरा ज्यादा रहता है , और बरसात के दिनों में ये खतरा और भी बढ़ जाता है क्योंकि नदी में पानी भरा रहता है और अगर कोई यात्री गिरता है तो बचने की संभावना कम रहती है ।
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