अमेरिका में जारी हुआ अडानी के लिए गिरफ्तारी वारंट

 अमेरिकी जांच एजेंसी FBI के जांच के बाद अमेरिकी कोर्ट ने जारी की गिरफ्तारी वारंट

भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति गौतम अडानी का नाम हमेशा सुर्खियों में रहता है। 2023 में भी हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद भारतीय बाजार में खलबली मच गई थी वही अब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव खत्म होने के बाद अमेरिकी जांच एजेंसी FBI की जांच के आधार पर अमेरिकी कोर्ट ने भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।


कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अडानी के गिरफ्तारी की मांग की

कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहले से ही गौतम अडानी के खिलाफ बोलते रहे है। कांग्रेस हमेशा गौतम अडानी को लेकर बीजेपी पर आरोप लगाती रही है कि बीजेपी गौतम अडानी को बचा रही है। बीजेपी हर जगह अडानी ग्रुप को प्रोजेक्ट्स दे रही है । कांग्रेस अडानी को लेकर बीजेपी पर हमलावर है। हालांकि हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी और अडानी को घेरा था। लेकिन मामला जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और मामले की जांच हुई तो हिंडेनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोप निराधार साबित हुए।

हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट से पहले ही राहुल गांधी ने आशंका जताई थी कि अडानी के शेयर गिरेंगे

राहुल गांधी पिछले साल भारत जोड़ो यात्रा कर रहे थे लेकिन उससे पहले राहुल गांधी अमेरिका जाते है और वहां से जब आते है तो भारत जोड़ो यात्रा शुरू करते है। हालांकि अमेरिका से लौटने के बाद जब वे अपनी भारत जोड़ो यात्रा पर होते है तब वे RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को इंटरव्यू देते है।  जिसमें वे एक बात का जिक्र करते है कि उनका किसी सिक्योरिटी गार्ड से बात हुआ जिसने बताया कि उसने अडानी ग्रुप के शेयर में इन्वेस्ट किए है। तो उन्होंने कहा था कि अगर अडानी ग्रुप के शेयर टूट जाते है या अडानी ग्रुप को नुकसान होता है तो इन बेचारे गरीब मजदूरों को जोखिम उठाना पड़ेगा। हालांकि राहुल गांधी अडानी ग्रुप का जिक्र अमेरिका से आने के बाद करते है और फिर अमेरिका के एक एजेंसी अडानी ग्रुप के बारे में अपनी एक रिपोर्ट जारी करती है और कहती है कि अडानी ग्रुप अपने शेयर के दामों को कंट्रोल करती है।  अडानी का शैल कंपनियों में निवेश है । जिसके बाद से अडानी ग्रुप के शेयर धड़ाम होती है और शेयर बाजार में भूचाल आ जाता है । हालांकि अमेरिकी एजेंसी हिंडेनबर्ग पर अमेरिका सरकार ने प्रतिबंध लगाया हुआ है। जो कि अमेरिका के किसी भी कंपनी के बारे में अपनी रिपोर्ट नहीं छाप सकती। हिंडेनबर्ग को शॉर्ट सेलर भी कहा जाता है। बताया जाता है कि हिंडेनबर्ग कंपनियों को टारगेट करके उनके बारे में नेगेटिव रिपोर्ट छपता है जिससे कि उनके शेयर में गिरावट आए और फिर वो उसी कंपनी के शेयर खरीद कर जब मार्केट रिकवर हो जाता है तब बेच देता है । और इस तरह से हिंडेनबर्ग का रोजी रोटी चल रहा है।

राहुल गांधी पर जॉर्ज सोरोस के इशारे पर काम करने का आरोप लगता रहा है 

राहुल गांधी पर जॉर्ज सोरोस के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते रहे है। बताया जाता है कि जॉर्ज सोरोस द्वारा कांग्रेस सहित अनेक राजनीतिक दलों को फंडिंग की जाती है की भारत में राष्ट्रवादी सरकार को गिराया जाए या किसी ऐसे पार्टी की सरकार आए जो कि हिंदुत्व का समर्थन न करे। जॉर्ज सोरोस द्वारा विश्व के कई देशों में फंडिंग की जाती है की राष्ट्रवादी सरकारों को गिराया जाए और वहां पर अपनी कठपुतली बिठाया जाए। 

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भी जॉर्ज सोरोस के कठपुतली बताए जाते है

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी जॉर्ज सोरोस के कठपुतली बताए जाते है । अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की पार्टी को जॉर्ज सोरोस द्वारा फंडिंग करने का भी आरोप लगते रहे है। हालांकि अब जो बाइडन की सरकार जाने वाली है क्योंकि हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने जीत हासिल की है। जो बाइडन का कार्यकाल 20 जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है उसके बाद डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप में अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति को जज के पदों पर नियुक्तियां करने से मना किया

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा- डेमोक्रेट्स न्यायालयों में कट्टरपंथी वामपंथी न्यायाधीशों को बिठाने की कोशिश कर रहे हैं। रिपब्लिकन सीनेटरों को सामने आकर अपनी बात पर अड़े रहना चाहिए - उद्घाटन दिवस से पहले किसी भी न्यायाधीश की नियुक्ति नहीं की जाएगी!
आप अमेरिका के कोर्ट के बारे में इसी बात से अंदाजा लगा सकते है कि अमेरिकी कोर्ट कितनी निष्पक्षता से काम करता है। अमेरिका में जजों की नियुक्ति सरकार करती है और सरकार बदलने पर जज भी बदल दिए जाते है। अगर अमेरिका में जजों की निष्पक्षता ही सवालों के घेरे में है तो कैसे किसी पर लगे आरोपों को सच माना जा सकता है। जबकि वहां की वर्तमान सरकार दुनिया के राष्ट्रवादी सरकारों के खिलाफ साजिशों में शामिल हो।

 कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा अमेरिका की जांच एजेंसी ने जांच की और कहा कि अडानी हर रोज भ्रष्टाचार करते है

कांग्रेस और कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का कहना है कि अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने जांच की और पाया कि अडानी हर रोज भारत में भ्रष्टाचार करते है । इन सभी आरोपों में कही भी अमेरिका में रिश्वत देने का मामला नहीं है। FBI ने आरोप लगाए है कि अडानी ने भारत में 2000 करोड़ का रिश्वत दिया। लेकिन ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी को भारत की जांच एजेंसियों पर भरोसा नहीं है ? क्या राहुल गांधी भारत की छवि खराब करने के लिए जॉर्ज सोरोस और जो बाइडन की मदद ले रहे है ? क्या राहुल गांधी अपने राजनीतिक फायदे के लिए जॉर्ज सोरोस और जो बाइडन की मदद से भारत की छवि खराब करना चाहते है ? 


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