UP News : Jhansi Medical कॉलेज में आग लगने से 10 नवजातों की मौत
उत्तर प्रदेश के झांसी से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मृत्यु हो गई।
आग बुझाने के लिए दमकल की गाड़ियां और सेना के जवान पहुंचे
झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने की खबर मिलते ही मौके पर दमकल की गाड़ियां पहुंची और आग बुझाने के लिए जुट गई वही खबर पाकर सेना के जवान भी पहुंचे और आग बुझाने लगे।
सुबह डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक मेडिकल कॉलेज पहुंचे
आग लगने और नवजात बच्चों के मौत की खबर पाकर उत्तरप्रदेश के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक सुबह 5 बजे ही मेडिकल कॉलेज पहुंचे। और मौके पर अधिकारियों से पूछताछ की और हालत का जायजा लिया।
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है । उनकी हर संभव मदद की जाएगी । साथ ही बृजेश पाठक ने डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सराहना भी की । बृजेश पाठक ने डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने आग में फंसे हुए बच्चों को बहादुरी से सुरक्षित बाहर निकाला
सीएम योगी ने मृतक के परिजनों को तत्काल 5 लाख की सहायता राशि देने का आदेश दिया
घटना को संज्ञान में लेते हुए सीएम योगी ने मृत बच्चों के परिजनों को तत्काल 5 लाख की सहायता राशि देने का आदेश दिया। साथ ही योगी आदित्यनाथ ने ये भी कहा कि जिम्मेदारों पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। साथ ही योगी ने DIG कानपुर को अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट 12 घंटे में भेजने को कहा है। जांच शुरू हो चुकी है । जल्द ही प्रारंभिक रिपोर्ट शासन को भेज दिया जाएगा जिससे कि आगे की कार्यवाही हो सकेगी।
आग लगने के बाद भी नहीं बजा फायर अलार्म, एक के बाद एक कई धमाके हुए
झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने के बावजूद कोई फायर अलार्म नहीं बजा जिससे कि लोग सतर्क हो सके और इमरजेंसी की सूचना मिले और लोग मरीजों को बाहर लेकर जा सके। जब आग लगी तब NICU वार्ड में Oxyzen चालू था जिससे कि ऑक्सीजन Cylinder ब्लास्ट हो गए और ऑक्सीजन के चलते आग ने अपना रौद्र रुप ले लिया और 10 मासूमों को काल के गाल में समा लिया।
10 बच्चों के मौत की पुष्टि, कई अभी भी लापता
मेडिकल कॉलेज में आग की घटना में 10 बच्चों के मौत की पुष्टि शासन द्वारा की गई है। वही कई बच्चे अभी भी लापता बताए जा रहे है।
कुछ बच्चों की पहचान नहीं हो पाई है तो उनका DNA कराकर उनके अभिभावकों का पता लगाकर उनको सौंपा जाएगा। 8 बच्चे गंभीर बताए जा रहे है जिनका इलाज दूसरे अस्पतालों में चल रहा है।
बज जाता फायर अलार्म तो बच सकती थी कई मासूमों की जान
अगर आग लगने के तुरंत बाद फायर अलार्म बज जाता तो कई मासूमों की जान बच सकती थी। साथ ही अगर मेडिकल कॉलेज में उचित फायर फाइटिंग की व्यवस्था होती तो आग पर काबू पाई जा सकती थी। लेकिन दुर्भाग्य है इस देश की जनता का की मेडिकल कॉलेज जैसे अस्पतालों में भी आग से निपटने के लिए उचित प्रबंध नहीं है।
अखिलेश यादव ने प्रशासन और सरकार को घेरा
अखिलेश यादव ने मृत बच्चों के प्रति शोक संवेदन व्यक्त की और साथ में सरकार से मृत बच्चों के परिवारों को 1-1 करोड़ रुपए देने की भी मांग की ।
अखिलेश यादव ने कहा आग का कारण ‘ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर’ में आग लगना बताया जा रहा है। ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही का मामला है या फिर ख़राब क्वॉलिटी के आक्सीजन कॉन्संट्रेटर का। इस मामले में सभी ज़िम्मेदार लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई हो। मुख्यमंत्री जी चुनावी प्रचार छोड़कर, ‘सब ठीक होने के झूठे दावे’ छोड़कर स्वास्थ्य और चिकित्सा की बदहाली पर ध्यान देना चाहिए। जिन्होंने अपने बच्चे गंवाएं हैं, वो परिवारवाले ही इसका दुख-दर्द समझ सकते हैं। ये सरकारी ही नहीं, नैतिक ज़िम्मेदारी भी है। आशा है चुनावी राजनीति करनेवाले पारिवारिक विपदा की इस घड़ी में इसकी सच्ची जाँच करवाएंगे और अपने तथाकथित स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्रालय में ऊपर-से-नीचे तक आमूलचूल परिवर्तन करेंगे। रही बात उप्र के ‘स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री’ की तो उनसे कुछ नहीं कहना है क्योंकि उन्हीं के कारण आज उप्र में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा व्यवस्था की इतनी बदहाली हुई है। संकीर्ण-साम्प्रदायिक राजनीति की निम्न स्तरीय टिप्पणियाँ करने में उलझे मंत्री जी को तो शायद ये भी याद नहीं होगा कि वो ‘स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री’ हैं। न तो उनके पास कोई शक्ति है न ही इच्छा शक्ति, बस उनके नाम की तख़्ती है।
सबसे पहले उप्र भाजपा सरकार समस्त झुलसे बच्चों के लिए विश्वस्तरीय चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराए व जिन्होंने अपने बच्चों को खोया है, उन समस्त शोक संतप्त परिवारों को 1-1 करोड़ संवेदना राशि दे।
गोरखपुर न दोहराया जाए।
झाँसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मृत्यु एवं कई बच्चों के घायल होने का समाचार बेहद दुखद एवं चिंताजनक है। सबके प्रति संवेदनात्मक श्रद्धांजलि।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 16, 2024
आग का कारण ‘ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर’ में आग लगना बताया जा रहा है। ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही का मामला… pic.twitter.com/639O0QHPPK
अभिभावकों का रो रो कर बुरा हाल
बच्चो के माता पिता व अन्य घरवालों का रो रो कर इतना बुरा हाल है कि कोई देख ले तो कलेजा फट जाए। कई परिजन तो ऐसे है जिनका लाख इलाज के बाद पहला बच्चा हुआ था। आज दर्जनों परिवारों के घर का चिराग जलने से पहले ही जल कर मर गया लेकिन क्या ही फर्क पड़ता है जिम्मेदारों को, उनके घर का चिराग थोड़े न बुझा है। परिवार और बच्चों का दर्द उसको बनाने वाला और पालने वाला ही समझ सकता है । प्रशासन तो 5 लाख देकर अपना किनारा कर लेगा लेकिन जिन बच्चों को मृत्यु हुई वे बच्चे किसी बूढ़े मां बाप के सहारा बनते आखिर अब वो सहारा कौन होगा ?
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