जदयू ने दिया अरविंद केजरीवाल के लेटर का जवाब
राज्यसभा में 17 दिसंबर को अमित शाह के बयान को लेकर अरविंद केजरीवाल ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को पत्र लिखा था। जिसका जवाब जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर पलटवार किया है। संजय झा ने अपने पत्र में लिखा है कि अरविंद केजरीवाल जी,
मै आपकी पीड़ा को समझ सकता हु। आपका दर्द यह है कि उस दिन सदन में आपके गठबंधन के नेता राहुल गांधी, उनकी पार्टी और उनके परिवार की कलई खुल रही थी। सच से पर्दा हट रहा था।'
केजरीवाल पर सीधा आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि आपको भी जब कभी मौका मिला तो दलितों को हिस्सेदारी से दूर ही रखा और आज बाबा साहेब के अनुयायी बन गए हैं। केजरीवाल ने नीतीश से पूछा था कि शाह के बयान के बाद उनकी क्या सोच है।
अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को लिखा था पत्र
अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार से गठबंधन को लेकर विचार करने के लिए पत्र लिखा था। अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा था,
अमित शाह के बयान से देश भर में करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई है। ये बयान देने के बाद अमित शाह जी ने माफी मांगने की बजाय अपने बयान को उचित ठहराया। प्रधानमंत्री जी ने सार्वजनिक रूप से उनके बयान का समर्थन करते हुए सही ठहराया है। जो कि जले पर नमक छिड़कने जैसा है। लोगो को लगने लगा है कि बाबा साहब को मानने वाले अब बीजेपी का समर्थन नहीं कर सकते ।
बाबा साहब सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि इस देश की आत्मा है। बीजेपी के इस बयान के बाद लोग चाहते है कि आप भी इस मसले पर विचार करे।
संजय झा ने दिया है करारा जवाब
केजरीवाल की चिट्ठी को लेकर संजय झा ने अरविंद केजरीवाल को कहा कि बिहार में 1990 तक कांग्रेस लगातार सत्ता में रही और 1990 से लेकर 2005 तक राजद के साथ सत्ता में रही, लेकिन बिहार में पंचायती राज व्यवस्था में दलितों और अतिपिछड़ों को आरक्षण तब मिला, जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने।
इसी तरह राहुल गांधी पूरे देश में जाति जनगणना की डुगडुगी बजाते रहते हैं, लेकिन आइएनडीआइए की बैठकों में अक्सर यह हुआ कि जब भी नीतीश कुमार ने जाति जनगणना पर चर्चा करने की कोशिश की तो उसका विरोध किया गया या फिर गठबंधन के नेता पीठ दिखाकर निकल गए।
अमित शाह के बयान को लेकर भी कहा
संजय झा ने अमित शाह के बयान को लेकर कहा कि अमित शाह उस दिन इतिहास के वो पन्ने पलटे जो आप और आपके गठबंधन के साथी राहुल गांधी देखना नहीं चाहते थे, आंबेडकर के अपमान से जुड़े कुछ प्रसंग का जिक्र करते हुए संजय झा ने पत्र में लिखा कि जनता दल की जब सरकार थी तो उस समय नीतीश कुमार सरकार में मंत्री थी। और नीतीश कुमार ने आंबेडकर जी को भारत रत्न देने की मांग की जिसके बाद बाबा साहब आंबेडकर को भारत रत्न से नवाजा गया।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाबा साहब आंबेडकर के पद चिन्हों पर चलते हुए दलितों और पिछड़ों के लिए जितना काम किया है उसे आप और आपके गंठबंधन के साथी राहुल गांधी उसे करने की कल्पना भी नहीं कर सकते ।
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