विजय दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू , PM मोदी समेत तमाम नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

 विजय दिवस 

आज पूरा देश 1971 के युद्ध को याद करते हुए विजय दिवस मना रहा है। इसको लेकर पीएम मोदी समेत देश के नेताओं ने 1971 के युद्ध में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद जवानों को सलामी दी।



पीएम मोदी ने अपने X अकाउंट पर किया पोस्ट

आज विजय दिवस पर हम उन बहादुर सैनिकों के साहस और बलिदान का सम्मान करते हैं जिन्होंने 1971 में भारत की ऐतिहासिक जीत में योगदान दिया। उनके निस्वार्थ समर्पण और अटूट संकल्प ने हमारे देश की रक्षा की और हमें गौरव दिलाया।

पीएम मोदी ने आगे कहा, यह दिन उनकी असाधारण वीरता और उनकी अडिग भावना को श्रद्धांजलि है। उनका बलिदान हमेशा पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और हमारे देश के इतिहास में गहराई से समाया रहेगा।'

आज विजय दिवस के मौके पर मोदी ने देश के शहीदों के वीरता को नमन किया ।

 देश के रक्षा मंत्री ने कहा कि देश जवानों के बलिदान को नहीं भूलेगा 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज के दिन को याद करते हुए X पर पोस्ट लिखा कि देश जवानों के बलिदान और सेवा को कभी नहीं भूलेगा ।
आज विजय दिवस के खास मौके पर भारत के सशस्त्र बलों की बहादुरी और बलिदान को सलाम करता है। उनके अटूट साहस और देशभक्ति ने सुनिश्चित किया कि हमारा देश सुरक्षित रहे।'

 

विजय दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सेना के अदम्य साहस और वीरता को किया याद

विजय दिवस पर मैं उन वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ जिन्होंने 1971 के युद्ध में अदम्य साहस का परिचय देते हुए भारत को विजय दिलाई। कृतज्ञ राष्ट्र हमारे वीरों के सर्वोच्च बलिदान को याद करता है जिनकी कहानियाँ हर भारतीय को प्रेरित करती हैं और राष्ट्रीय गौरव का स्रोत बनी रहेंगी।

वायु सेना ने X पर पोस्ट करके अपनी भूमिका पर प्रकाश डाला

भारतीय वायु सेना ने भी एक्स पर एक पोस्ट में 16 दिसंबर को समाप्त हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपनी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने पोस्ट में लिखा, 1971 का भारत-पाक युद्ध 16 दिसंबर 1971 को लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी के बिना शर्त आत्मसमर्पण के साथ समाप्त हुआ, जो एक स्वतंत्र बांग्लादेश के जन्म का प्रतीक था।



यह ऐतिहासिक क्षण एक समन्वित सैन्य प्रयास के माध्यम से हासिल किया गया था, जिसमें भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने 13-दिवसीय संघर्ष में त्वरित और निर्णायक परिणाम सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसे उपयुक्त रूप से "बिजली युद्ध" कहा गया।

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