जम्मू-कश्मीर सरकार लेकर आई रोड सेफ्टी पॉलिसी, 2030 तक दुर्घटनाओं को 50 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य
जम्मू कश्मीर सरकार ने एक नई सुरक्षा नीति को नोटिफाई किया है। इसके तहत मोटराइज्ड रोड यूजर्स को विशेष रूप से मान्यता दी जाएगी। सरकार की इस नीति का लक्ष्य 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं और मृत्यु दर में 50% की कमी लाना है। सरकार खराब तरीके से निर्मित और रखरखाव वाली सड़कों के लिए जिम्मेदार ठेकेदारों के लिए जवाबदेही तंत्र भी स्थापित करेगी और उन्हें ब्लैक लिस्ट भी किया जाएगा।
जम्मू और कश्मीर सरकार ने सड़क सुरक्षा नीति 2025 को नोटिफाई किया है। इसमें 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं और मृत्यु दर को 50 प्रतिशत तक कम करने के लिए राज्य सड़क सुरक्षा परिषद और जवाबदेही तंत्र की स्थापना सहित बहुआयामी उपायों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
सरकार लागू करेगी नॉन मोटराइज्ड पॉलिसी
इस नीति के तहत सरकार जम्मू कश्मीर के लिए नॉन मोटराइज्ड पॉलिसी भी लागू करेगी जिसके तहत नॉन मोटराइज्ड रोड यूजर्स को विशेष रूप से मान्यता प्रदान की जाएगी। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, "सड़कों पर दुर्घटनाओं और मौतों को रोकने के उद्देश्य से जम्मू-कश्मीर सरकार ने जम्मू-कश्मीर सड़क सुरक्षा नीति 2025 अधिसूचित की है।"
सड़क सुरक्षा परिषद का गठन
नई सड़क सुरक्षा नीति में राज्य सड़क सुरक्षा परिषद का गठन कर संस्थागत व्यवस्था को मजबूत किया गया है, जिसके अध्यक्ष परिवहन मंत्री होंगे तथा अतिरिक्त परिवहन आयुक्त स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में एक प्रमुख एजेंसी का गठन किया जाएगा।
नोटीफिकेशन में कहा गया है कि सरकार 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं और मौतों में 50 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसमें कहा गया है कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सर्वोत्तम प्रथाओं को शामिल किया जाए और दुर्घटनाओं की रोकथाम और कमी लाने की रणनीतियों को बड़े पैमाने पर अपनाया जाए।
नीति में कहा गया है कि जिला ग्रामीण विकास समितियां दुर्घटना की तीव्रता और गंभीरता के आधार पर हर छह महीने में दुर्घटना संभावित क्षेत्रों और ब्लैक स्पॉट की नियमित पहचान करेंगी। इसमें कहा गया है कि पहचान किए गए दुर्घटना संभावित क्षेत्रों और ब्लैक स्पॉट के लिए उचित योजना, डिजाइन और निर्माण तकनीकों के माध्यम से छह महीने के भीतर सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी।
ठेकेदारों के लिए जवाबदेही तंत्र स्थापित किया जाएगा, होंगे ब्लैकलिस्ट
सरकार खराब तरीके से निर्मित और रखरखाव वाली सड़कों के लिए जिम्मेदार ठेकेदारों और सलाहकारों के लिए जवाबदेही तंत्र भी स्थापित करेगी, जिसमें उन्हें ब्लैक लिस्ट में डालने की प्रक्रिया भी शामिल होगी। नोटीफिकेशन में कहा गया है कि विकास प्राधिकरणों को पहले ही अधिक पार्किंग स्थल बनाने की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है।
वाहन खरीदने से पहले वाहन मालिकों के पास पार्किंग की जगह हो, यह सुनिश्चित करने के लिए पार्किंग नीति अधिसूचित की जाएगी। इसके अलावा, नगर निगम और विकास प्राधिकरणों को सड़क किनारे पार्किंग के लिए शुल्क लेना चाहिए, समय के साथ शुल्क में तेजी से वृद्धि होगी। सड़कों पर दबाव कम करने के लिए सरकार निजी वाहनों के स्थान पर सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए नये उपाय अपनाएगी।
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